Search This Blog

Tuesday, November 20, 2018

ज़िंदगी की कहानी

आज मैंने एक बहुत ही अच्छी कविता पढ़ी जिसमे  लिखने वाले ने ज़िंदगी को बहुत ही खूबसूरत अंदाज़ में ब्यान किया है 

कविता इस  प्रकार है , लेखक को आभार 

कोई खुशियों की चाहत में रोया,
कोई दुखों की पनाह में रोया.

अजीब सिलसिला है,
इस ज़िन्दगी का.

कोई भरोसे के लिए रोया,                        
कोई भरोसा कर के रोया.!

"खुशी" ने वादा किया था वो, 
पांच दिन बाद लौट आएगी.

पर जब हमने "ज़िन्दगी" की,
किताब खोल कर देखी.

तो कमबख्त ज़िन्दगी ही, 
चार दिन की थी.!

No comments:

Post a Comment