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Friday, February 2, 2018
Wednesday, January 31, 2018
जब ना कोई फ़िक्र थी
आज शाम आसमान के क्षितिज पर
जब देखा उभरे हुए चाँद की लकीर को
याद आ गया फिर गुजरा समय
जब ना कोई फ़िक्र थी
ना कोई जिम्मेवारी थी
घूमते थे, खेलते थे मस्त थे
चाहे सर्द शाम हो या गर्म दोपहर हो
बारिश हो या फिर तुफान
ना कोई फ़िक्र थी
ना कोई जिम्मेवारी थी
पर अब तो समय नहीं है अपने लिए
काम बहुत है एक पूरा तो दूसरा अधुरा
याद आ गया फिर गुजरा समय
जब ना कोई फ़िक्र थी
ना कोई जिम्मेवारी थी
जब देखा उभरे हुए चाँद की लकीर को
याद आ गया फिर गुजरा समय
जब ना कोई फ़िक्र थी
ना कोई जिम्मेवारी थी
घूमते थे, खेलते थे मस्त थे
चाहे सर्द शाम हो या गर्म दोपहर हो
बारिश हो या फिर तुफान
ना कोई फ़िक्र थी
ना कोई जिम्मेवारी थी
पर अब तो समय नहीं है अपने लिए
काम बहुत है एक पूरा तो दूसरा अधुरा
याद आ गया फिर गुजरा समय
जब ना कोई फ़िक्र थी
ना कोई जिम्मेवारी थी
Tuesday, January 30, 2018
Friday, January 26, 2018
Tuesday, January 23, 2018
इंसान और इंसानियत
क्यों बदल गया है इंसान
क्यों खत्म हो गई इंसानियत
क्यों दया, प्रेम और मानवता खो गई
क्यों कर्म करते है धन के लिए
क्यों बदल गया है इंसान
भूले भटके जब कभी सुनता पढ़ता हूँ खबर कोई अच्छाई की
तो मन खुश होता है कि इन्सानियत जिन्दा है
क्यों समाज के पटल की मानसिकता विकृत हो गई
भागम भाग की ज़िन्दगी में नहीं है समय परायो को छोड़ो अपनों के लिए
सब कुछ तोला जाता है पैसों से
सब कुछ हो जाता है पैसों से
धर्म , न्याय और कर्म सब होता है पैसों से
कर्म की परिभाषा है पैसा
मेहनत की परिभाषा है पैसा
बुद्धि की परिभाषा है पैसा
ज्ञान की परिभाषा है पैसा
सब कुछ है पैसा
इसलिए बदल गया है इंसान
इसलिए खत्म हो गई इंसानियत
क्यों खत्म हो गई इंसानियत
क्यों दया, प्रेम और मानवता खो गई
क्यों कर्म करते है धन के लिए
क्यों बदल गया है इंसान
भूले भटके जब कभी सुनता पढ़ता हूँ खबर कोई अच्छाई की
तो मन खुश होता है कि इन्सानियत जिन्दा है
क्यों समाज के पटल की मानसिकता विकृत हो गई
भागम भाग की ज़िन्दगी में नहीं है समय परायो को छोड़ो अपनों के लिए
सब कुछ तोला जाता है पैसों से
सब कुछ हो जाता है पैसों से
धर्म , न्याय और कर्म सब होता है पैसों से
कर्म की परिभाषा है पैसा
मेहनत की परिभाषा है पैसा
बुद्धि की परिभाषा है पैसा
ज्ञान की परिभाषा है पैसा
सब कुछ है पैसा
इसलिए बदल गया है इंसान
इसलिए खत्म हो गई इंसानियत
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