गोरखपुर में हुई मौत सिर्फ उन बच्चो की मौत नहीं है यह मौत है कल के होनहार भविष्य की जोकि आने वाले समय में भारत की प्रगति के सहायक बनते परन्तु सभी राजनीतिक और सामाजिक प्रभावसाली वयक्ति व्यस्त राजनीतिक रोटियां सेकने में | पक्ष और विपक्ष की राजनीती में कोई भी उस दर्द को महसूस मह्सूस नहीं कर पा रहा है जो एक माँ बाप के दिल में है, उन्होने क़्या खोया , उनकी क़्या गलती थी अब जब तक जाँच होगी, मुकदमा चलेगा , की दोषी कौन है , उसमे वर्षो लग जायगे और न्यायपालिका के चक्कर लगाने से डरने वाले असहाय , गरीब और मज्बूर माँ बाप को कभी न्याय मिलेगा या नहीं क्योकि दोषी अभी तक तो जाँच के लिए जरूरी दस्तावेजों , तथ्यो को पूर्ण रूप रूप से बदल चुके होंगे | छोटे और अप्रभावी कारणों को बड़ा करके दिखाया जाएगा परन्तु असली कारण जैसे की लापरवाही , भ्रष्टाचार , रिश्वत आदि सबूतों को मिटा दिया गया होगा |
सभी पाठको से अनुरोध है की अपनी तरफ से विचार और सुझाव प्रस्तुत करे की कैसे इस तरह की घटनाओं की दोबारा भविष्य में होने से रोका जा सकता है |
कृपया राजनीती से प्रेरित कोई भी कमेंट न करे
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