Search This Blog

Showing posts with label Indian childrens. Show all posts
Showing posts with label Indian childrens. Show all posts

Wednesday, August 16, 2017

GORKHPUR INCIDENT

गोरखपुर  में हुई मौत  सिर्फ उन बच्चो  की मौत  नहीं है यह मौत  है कल के होनहार  भविष्य की जोकि आने  वाले  समय  में भारत की प्रगति के सहायक बनते परन्तु सभी राजनीतिक और सामाजिक  प्रभावसाली  वयक्ति  व्यस्त  राजनीतिक  रोटियां  सेकने में | पक्ष और विपक्ष की राजनीती में कोई भी उस दर्द को महसूस मह्सूस  नहीं कर पा रहा है जो एक माँ बाप के दिल में है, उन्होने क़्या खोया , उनकी क़्या गलती थी अब जब तक जाँच होगी, मुकदमा  चलेगा , की दोषी कौन  है , उसमे वर्षो  लग जायगे और न्यायपालिका के चक्कर लगाने से डरने वाले असहाय , गरीब और मज्बूर माँ बाप को कभी न्याय मिलेगा या नहीं क्योकि दोषी अभी तक तो जाँच के लिए जरूरी  दस्तावेजों , तथ्यो को पूर्ण रूप रूप से  बदल चुके  होंगे | छोटे  और अप्रभावी कारणों  को बड़ा करके दिखाया जाएगा  परन्तु असली कारण जैसे की लापरवाही ,  भ्रष्टाचार , रिश्वत आदि सबूतों  को मिटा  दिया गया होगा | 
सभी पाठको से अनुरोध है की अपनी तरफ से विचार और सुझाव प्रस्तुत करे की कैसे इस तरह की घटनाओं  की दोबारा भविष्य में होने से रोका जा सकता है | 
कृपया  राजनीती  से प्रेरित कोई भी कमेंट  न करे 
x

Thursday, September 1, 2016

याद आता है बचपन

याद आता है बचपन

खोया गया है बचपन इन पक्की सड़को और गलियो में
वो पेड के नीचे खेलना
वो गिल्ली डंडे के साथ घर से निकलना
वो बरसात के पानी में पत्थर तैराना
वो कच्ची गलियों में गिरना
गिरकर  उठकर चलना

वो दोस्तो के साथ पतंग उड़ाना
वो कुल्फी वाले को देखते ही घर वालो से ज़िद करना
हाथ मिलाना, गले मिलना था बहुत जरुरी
तो  कभी दोस्तों से कुछ देर के लिए लड़ना और फिर मिलना और साथ खेलना
कभी उनके घर जाना और पुकारना कभी उनका आना याद आता है


पर आज बच्चे व्यस्त है टी बी और मोबाइल में
सभी दोस्त है फेसबुक और टवीटर पर
आपसी मुलाकात भी होती है ऑनलाइन
एक दूसरे के घर आना जाना है मुश्किल

खो गया बचपन बदलतै माहौल और जीवन की बदलती शैली में
याद आता है बचपन